मोहला। कलेक्टर श्रीमती तुलिका प्रजापति के निर्देशानुसार एवं जिला कार्यक्रम अधिकारी श्री चंद्रशेखर मिश्रा के मार्गदर्शन में महिला एवं बाल विकास विभाग द्वारा महिलाओं का कार्यस्थल पर लैंगिक उत्पीड़न (निवारण, प्रतिषेध और प्रतितोष) अधिनियम 2013 एवं बाल विवाह मुक्त जिला पर कलेक्टरेट सभाकक्ष में कार्यशाला का आयोजन किया गया। इस अवसर पर सीईओ जिला पंचायत श्रीमती भारती चन्द्राकर, एसडीएम मानपुर श्री अमित नाथ योगी सहित संबंधित विभाग के अधिकारी उपस्थित रहे।
कलेक्टर श्रीमती प्रजापति ने आयोजित कार्यशाला में कहा कि महिलाओं को उनके कार्यस्थल पर सुरक्षित वातावरण सुनिश्चित करें। ताकि महिलाएं पूरी आत्मविश्वास एवं ऊर्जा के साथ कार्य करते हुए परिवार और समाज में अपना अहम योगदान दे सके। कार्यशाला में कार्यस्थल पर महिलाओं के लैंगिक उत्पीड़न (निवारण, प्रतिषेध और प्रतितोष) अधिनियम 2013 (पोश एक्ट) के प्रावधानों की जानकारी के साथ जिले को बाल विवाह मुक्त बनाने के लिए रणनीति बनाई गई।
कार्यस्थल पर महिलाओं की सुरक्षा सुनिश्चित करने हेतु सभी जिला एवं ब्लॉक स्तरीय अधिकारियों को पोश अधिनियम की विस्तृत जानकारी दी गई। कार्यशाला में बताया गया कि सभी विभागों में आंतरिक शिकायत समिति तथा स्थानीय शिकायत समिति का गठन आवश्यक है। साथ ही, ग्रामीण एवं जनजातीय क्षेत्रों में प्रत्येक तहसील, विकासखंड, नगरीय निकायों या वार्डों में नोडल अधिकारी नियुक्त करने हेतु निर्देशित किया गया।
कार्यशाला में श्रीमती संगीता मिश्रा एवं सुश्री पूजा जैन द्वारा शी-बॉक्स पोर्टल की जानकारी दी गई। जिससे कार्यस्थल पर यौन उत्पीड़न की शिकायतें ऑनलाइन दर्ज की जा सकती हैं। सभी विभागों को निर्देशित किया गया कि वे आंतरिक शिकायत समिति के अध्यक्ष एवं सदस्यों के नाम, मोबाइल नंबर और विभागीय ईमेल आईडी को सार्वजनिक रूप से चस्पा करें।
इसी क्रम में जिले को बाल विवाह मुक्त बनाने के लिए भी विस्तृत कार्य योजना पर चर्चा की गई। कलेक्टर श्रीमती तुलिका प्रजापति की अध्यक्षता में आयोजित इस सत्र में बताया कि आगामी 2 अक्टूबर 2025 को जिले की सभी 185 ग्राम पंचायतों एवं एक नगर पंचायत की ग्राम सभाओं में बाल विवाह मुक्त पंचायत का प्रस्ताव पारित कराया जाएगा।
विगत दो वर्षों में जिन पंचायतों में बाल विवाह नहीं हुआ है, उन्हें सम्मानित करते हुए बाल विवाह मुक्त ग्राम पंचायत का प्रमाण-पत्र प्रदान किया जाएगा। ग्राम पंचायत सचिवों, जो बाल विवाह प्रतिषेध अधिकारी की भूमिका निभाते हैं, उन्हें भविष्य में बाल विवाह न होने देने हेतु सजग रहने के निर्देश दिए गए। कार्यशाला में महिला एवं बाल विकास विभाग के अधिकारी, कर्मचारी सहित सभी विभागों के जिला एवं ब्लॉक स्तरीय अधिकारी उपस्थित रहे।