राजनांदगांव। कभी मिट्टी की दीवारों वाले कच्चे मकान में बारिश से जूझने वाला अश्वनी विश्वकर्मा का परिवार अब अपने नव निर्मित पक्के घर में पहली बार दीवाली का त्योहार रोशनी और खुशियों के साथ मनाने जा रहा है। यह संभव हुआ है प्रधानमंत्री आवास योजना (शहरी) के तहत मिले सहयोग से।
नगर निगम राजनांदगांव द्वारा संचालित इस योजना के अंतर्गत बी.एल.सी. (हितग्राही द्वारा स्वयं निर्माण) मद से अब तक 7956 आवासों की स्वीकृति प्राप्त हुई है। इनमें से 7740 आवास पूर्ण हो चुके हैं, जबकि शेष 216 आवास विभिन्न स्तरों पर निर्माणाधीन हैं। महापौर मधुसूदन यादव एवं निगम आयुक्त अतुल विश्वकर्मा के मार्गदर्शन में योजना का क्रियान्वयन तेज़ी से हो रहा है।
वार्ड क्रमांक 34, कन्हारपुरी निवासी अश्वनी विश्वकर्मा, जो रोज़ी-मज़दूरी कर अपने परिवार का पालन-पोषण करते हैं, आज गर्व के साथ बताते हैं कि प्रधानमंत्री आवास योजना ने उनके जीवन की दिशा ही बदल दी।
“बारिश हमारे लिए मुसीबत बनकर आती थी”
अश्वनी कहते हैं, “कभी मिट्टी की दीवारें बारिश में ढह जाती थीं, छत से पानी टपकता था। मजदूरी का काम भी बंद हो जाता था। ऐसे में जीवन बेहद कठिन था।” उन्होंने आगे बताया, “हमने जैसे-तैसे कुछ पैसे बचाए थे, लेकिन वह नया घर बनाने के लिए पर्याप्त नहीं थे। तब प्रधानमंत्री आवास योजना से मदद मिली। नगर निगम ने पूरे निर्माण कार्य में सहयोग किया।”
आज उनका मकान टाइल्सयुक्त फर्श, व्यवस्थित किचन, अलग अध्ययन कक्ष, और रंग-बिरंगे दीवारों से सुसज्जित है। अश्वनी बताते हैं कि अब उनके बच्चों को पढ़ाई के लिए अलग कमरा मिला है और उनका भविष्य सुरक्षित दिखाई देता है।
“इस बार की दीवाली हमारे जीवन की सबसे खास दीवाली होगी”, अश्वनी मुस्कुराते हुए कहते हैं। अब वह और उनका परिवार पहली बार अपने पक्के, सुंदर घर में दीवाली मनाएंगे — वह भी बिना किसी डर या चिंता के।
अश्वनी ने राज्य और केंद्र सरकार के प्रति आभार व्यक्त करते हुए कहा कि यह योजना सिर्फ मकान नहीं, बल्कि सम्मान और स्थायित्व का अनुभव कराती है।