दुर्ग। महिला एवं बाल विकास विभाग में दुर्ग शहरी परियोजना अधिकारी (सीडीपीओ) रही रचिता नायडू के खिलाफ ठगी का एक और मामला सामने आया है। पहले मामले में युवती से 10 लाख रुपए ठगने का आरोप झेल रहीं रचिता पर अब 7.50 लाख रुपए से अधिक की दूसरी ठगी का आरोप लगा है। इस बार आरोपी ने युवक को आदिम जाति कल्याण विभाग में नौकरी और दो महिलाओं को आंगनबाड़ी में पद दिलाने का झांसा देकर लाखों रुपए ऐंठ लिए।
चपरासी की नौकरी का झांसा देकर ठगी
ग्राम रतनाबांधा, धमतरी निवासी राकेश साहू (35 वर्ष) ने दुर्ग कोतवाली में रिपोर्ट दर्ज कराई है। राकेश ने बताया कि उसकी मौसी कामिनी चंद्राकर आंगनबाड़ी कार्यकर्ता हैं, जिसके चलते उसका महिला एवं बाल विकास विभाग के कार्यालय में आना-जाना था। इसी दौरान रचिता नायडू से जान-पहचान हुई।
रचिता ने अपनी “ऊँची पहुँच” का हवाला देते हुए कहा कि वह उसे बालोद के आदिम जाति कल्याण विभाग में चपरासी की नौकरी दिला सकती है। इस झांसे में आकर राकेश ने करीब 4 लाख रुपए दे दिए।
दो महिलाओं से भी की ठगी
इसी तरह रचिता नायडू ने दो अन्य महिलाओं को आंगनबाड़ी कार्यकर्ता के पद पर नौकरी दिलाने का लालच दिया और उनसे करीब 3.5 लाख रुपए वसूले। लेकिन तय समय बीत जाने के बाद भी न तो किसी की नौकरी लगी और न ही रकम वापस की गई।
पुलिस ने दूसरी एफआईआर दर्ज की
प्रार्थी राकेश साहू समेत दो महिलाओं की शिकायत पर पुलिस ने रचिता नायडू के खिलाफ धोखाधड़ी की दूसरी एफआईआर (धारा 420 व संबंधित धाराओं के तहत) दर्ज की है। पुलिस अब रचिता की तलाश में जुटी है, जबकि वह पहले दर्ज ठगी के मामले में भी फरार चल रही है।
लगातार बढ़ रहे आरोप
रचिता नायडू पर अब तक दो अलग-अलग मामलों में 17.5 लाख रुपए से अधिक की ठगी के आरोप सामने आ चुके हैं। पुलिस को संदेह है कि उसने नौकरी दिलाने के नाम पर कई अन्य लोगों को भी ठगा है।
“पुलिस का कहना है कि आरोपी रचिता नायडू के खिलाफ दूसरी एफआईआर दर्ज की गई है। उसकी तलाश जारी है। अन्य संभावित पीड़ितों से आगे आकर शिकायत करने की अपील की गई है।”