छुरिया। झोलाछाप डाक्टरों की पकड़ में इस समय छुरिया विकासखण्ड पूरी तरह से आ गया है। सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र छुरिया में होने के वावजूद ग्रामीण इलाकों में आज भी झोलाछाप डाक्टरों की पकड़ है। वेखौफ होकर कर निजी चिकित्सा कर रहे हैं। स्वास्थ्य विभाग से मिली एक आधी अधूरी जानकारी के अनुसार छुरिया विकासखण्ड में अभी 152 झोलाछाप डॉक्टर अपना कारोबार चला रहे हैं, जिनमें 2 महिला डॉक्टर भी शामिल हैं, यदि प्रत्येक गांव के हिसाब से देखा जाय तो गैंदाटोला में 6 डॉक्टर, चिरचारीकला और जोशीलमती में 5 डॉक्टर, गोड़लवाही में 4 डॉक्टर, आतरगांव, बादराटोला, टिपानगढ़, पिनकापार, करमरी, गहिराभेड़ी, बैरागीभेड़ी, भर्रीटोला एवं सड़क चिरचारी में 3 डॉक्टर, कुमरदा, आमगांव, बागद्वार, घेरूघाट, नांदिया, बूचाटोला, आलीवारा, कुहीखुर्द, चारभांठा, बम्हनी, उमरवाही, साल्हे, रतनभाट, कांपा, बेलरगोंदी, पठानढोड़गी, दैहान, मुंजालकला, फाफामार, केसाल, कु. छुरिया, घुपसाल, साल्हेटोला, भर्रीटोला अ, घोरतलाब, बीजेपार, मरकाकसा जोब और बजरंगपुर में 2-2 डॉक्टर, घुपसाल, मोतीपुर चारभांठा, भंडारी भरदा, चांदो, मुचेदण्ड, खुर्सीटिकुल, चिरचारी खुर्द, तुमड़ीलेवा, केरेगांव, खुर्सीपार, बिटाल, चांदो, हाटबंजारी, मातेखेड़ा, मासूल, मगरधोखसरा, जरहामहका, कल्लूटोला, नागरकोहरा, पाटेकोहरा, बरछाटोला, बिसाहूटोला, लालूटोला, नवागांव, भोलापुर, माटराखुज्जी, जोंधरा, गिदर्री, महरूम, पतोरा, कलडबरी, छिंदीबिहरी, साल्हे, पथर्री, हैदलकोड़ो, तेलगांन, कोलिहाटोला, सीताकसा, खोराटोला, गर्रापार, मासूल, बैरागीभेड़ी, पैरीटोला, रानीपुर खड़खड़ी, पेंड्रीडीह, खोभा और झाड़ीखैरी में 1-1 डॉक्टर हैं। कुल मिलाकर विभिन्न गांवों में 2 महिला झोलाछाप डाक्ॅटर सहित 152 झोलाछाप डाक्टर हैं।
सबसे बड़ी और चिंता की बात यह है कि इस क्षेत्र में इतनी ज्यादा मात्रा में झोलाछाप आखिर अपना कारोबार कैसे चला रहे है, उन्हें किसी भी प्रकार का कोई भय नहीं हैं। बाकायदा अपने घरों में निजी अस्पताल भी खोल लिये हैं और वहां मरीजों को भर्ती करके उनका ईलाज भी करते हैं। इन सब की जानकारी छुरिया अस्पताल के बीएमओ और अन्य सभी स्टाफ को है उसके बाद भी झोलाछाप डॉक्टर अपना ईलाज का कारोबार बिना कोई रोक टोक बेखौफ होकर चला रहे हैं।
जैसा कि आधी अधूरी जानकारी के आधार पर यह जानकारी मिली है बेहद गहराई से इसकी जांच की जाये तो हो सकता है, इससे भी ज्यादा झोलाछाप डाक्टर इस क्षेत्र में अपना इस प्रकार का ईलाज का कारोबार चला रहे हैं। यह भी हो सकता है कि और अन्य झोलाछाप डाक्टरों का नाम न बताया गया हो और वे चुपचाप अपना डाक्टरी का कारोबार चुपचाप चला रहे हों।
इन झोलाछाप डॉक्टरों के चिकित्सा संबंधी ज्ञान और उनकी डिग्री की जांच पड़ताल अच्छी तरह से करने के बाद असलियत सामने आयेगी कि आखिर इतने झोलाछाप डॉक्टर किस प्रकार से गांव के भोले-भाले लोगों के जीवन के साथ इतना बड़ा खिलवाड़ कैसे कर सकते हैं। क्या इन झोलाछाप डॉक्टरों अंदर से किसी भी प्रकार का संरक्षण तो नहीं मिला हुआ है जिसके चलते इन झोला छाप डॉक्टरों का खुला खेल गांव की भोली-भाली जनता के साथ बेखौफ चल रहा है, इसे रोकने वाला कोई नहीं है।
आम नागरिकों को समझना चाहिये और अपना ईलाज इन झोलाछाप डॉक्टरों से न करवाकर किसी अच्छे चिकित्सक से करवाने के साथ ही इन झोला छाप डॉक्टरों की शिकायक सामुदायिक स्वस्थ्य केन्द्र छुरिया अथवा उच्चाधिकारियों से करें और अपने और अपने साथ रहने वाले अन्य लोगों के जीवन के साथ हो रहे खिलवाड़ से बचें।

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