राजनांदगांव। संस्कार सिटी इंटरनेशनल स्कूल का प्रांगण आज एक विशाल प्रयोगशाला में तब्दील नजर आया। अवसर था जोनल स्तरीय विज्ञान प्रदर्शनी का, जहां अंचल के विभिन्न प्रतिष्ठित विद्यालयों के उभरते हुए नन्हे वैज्ञानिकों का जमावड़ा लगा। इस भव्य आयोजन में छात्रों ने अपनी वैज्ञानिक सोच, तकनीकी दक्षता और नवाचार का ऐसा शानदार प्रदर्शन किया, जिसने वहां उपस्थित शिक्षाविदों, वैज्ञानिकों और अभिभावकों को मंत्रमुग्ध कर दिया।
कार्यक्रम का शुभारंभ भारतीय परंपरा के अनुसार मां सरस्वती की प्रतिमा के समक्ष दीप प्रज्वलन और माल्यार्पण के साथ हुआ। शाला की प्राचार्या श्रीमती रेखा तिवारी एवं वरिष्ठ शिक्षकों ने मुख्य अतिथियों का तिलक लगाकर और पुष्प-गुच्छ भेंट कर आत्मीय स्वागत किया। इस अवसर पर विद्यालय का वातावरण उत्साह और जिज्ञासा से सराबोर था।
प्रदर्शनी में मॉडल्स के मूल्यांकन के लिए एक उच्च स्तरीय निर्णायक मंडल का गठन किया गया था, जिसमें शिक्षा और विज्ञान जगत की दिग्गज हस्तियां अनुराग सक्सेना (भूतपूर्व व्याख्याता एवं विज्ञान विशेषज्ञ) एवं प्रोफेसर (डॉ.) गुरप्रीत कौर छाबड़ा (प्राचार्य, संस्कार सिटी कॉलेज ऑफ एजुकेशन, राजनांदगांव) शामिल थीं।
निर्णायक मंडल ने महज मॉडल्स को देखा नहीं, बल्कि छात्रों से उनसे जुड़े वैज्ञानिक सिद्धांतों, उनकी उपयोगिता और निर्माण प्रक्रिया पर कड़े सवाल भी पूछे। निर्णायक सदस्यों ने कहा कि, आज के बच्चों की सोच केवल किताबी ज्ञान तक सीमित नहीं है, वे समाज की समस्याओं का व्यावहारिक हल खोजने की दिशा में काम कर रहे हैं।
प्रदर्शनी में विभिन्न स्कूलों के बीच कांटे की टक्कर देखने को मिली। छात्रों ने पर्यावरण संरक्षण, ऊर्जा बचत और आधुनिक सुरक्षा जैसे विषयों पर आधारित मॉडल्स प्रस्तुत किए।
प्रथम पुरस्कार-दिल्ली पब्लिक स्कूल, रिसाली (भिलाई) ने अपने मॉडल इंडक्शन हीटर के जरिए ऊर्जा संरक्षण का बेहतरीन उदाहरण पेश किया, जिसे निर्णायक ने सर्वाधिक सराहा।
द्वितीय पुरस्काररू-युगांतर पब्लिक स्कूल, राजनांदगांव के छात्रों ने बायो मेकेनिकल स्मार्ट फुटवियर बनाकर स्वास्थ्य और तकनीक का बेजोड़ मेल दिखाया।
तृतीय पुरस्कार- श्री गुरुनानक हायर सेकेंडरी स्कूल, राजनांदगांव का मॉडल प्लाज्मा थ्रस्टर अंतरिक्ष विज्ञान में छात्रों की गहरी रुचि को दर्शाने में सफल रहा।
सांत्वना पुरस्कार-मेजबान संस्कार सिटी इंटरनेशनल स्कूल के छात्रों द्वारा बनाए गए स्मार्ट हेलमेट (जो सड़क सुरक्षा की दृष्टि से अहम है) को विशेष रूप से सम्मानित किया गया।
प्रदर्शनी देखने के लिए बड़ी संख्या में अभिभावक और शहर के गणमान्य नागरिक उपस्थित थे। आगंतुकों ने कहा कि बच्चों द्वारा बनाए गए मॉडल्स में जिस तरह के सेंसर, सर्किट और वैज्ञानिक सिद्धांतों का प्रयोग किया गया, वह उनकी उम्र के लिहाज से आश्चर्यजनक है। छात्रों ने पूरे आत्मविश्वास के साथ आगंतुकों के तकनीकी प्रश्नों का प्रभावी ढंग से उत्तर दिया।
संस्था के अध्यक्ष ललित अग्रवाल और सचिव अतुल देशलहरा ने आयोजन की सफलता पर हर्ष व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि संस्कार सिटी का उद्देश्य केवल किताबी शिक्षा देना नहीं, बल्कि छात्रों के भीतर छुपे वैज्ञानिक को जगाना है।
प्राचार्या श्रीमती रेखा तिवारी ने अपने संबोधन में कहा, आज हम जो ये नन्हे आविष्कारक देख रहे हैं, यही कल के भारत का भविष्य हैं। ऐसे मंच उन्हें अपनी प्रतिभा को निखारने और आत्मविश्वास बढ़ाने का सुनहरा अवसर प्रदान करते हैं।
शाला परिवार ने सभी प्रतिभागी स्कूलों के शिक्षकों और छात्रों का आभार व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि हार-जीत से परे, विज्ञान के प्रति यह अनुराग सभी बच्चों को एक नई दिशा देगा।
कार्यक्रम के अंत में सभी विजेताओं को स्मृति चिन्ह और प्रमाण पत्र देकर सम्मानित किया गया। राष्ट्रगान के साथ इस ज्ञानवर्धक आयोजन का समापन हुआ।

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