राजनांदगांव। जिले के पोषण पुनर्वास केन्द्रों में गंभीर कुपोषण से ग्रस्त बच्चों को सुपोषण की श्रेणी में लाने के लिए विशेष तौर पर कार्य किया जा रहा है। पोषण पुर्नवास केन्द्र में किए जा रहे कार्यों के कारगर परिणाम प्राप्त हो रहे है। कलेक्टर जितेन्द्र यादव ने जिले में संचालित पोषण पुनर्वास केन्द्र के संबंध में स्वास्थ्य विभाग और महिला एवं बाल विकास विभाग के अधिकारियों को आवश्यक निर्देश दिए है। कलेक्टर ने कहा कि पोषण पुनर्वास केन्द्र कार्यक्रम शासन की महत्वाकांक्षी योजना है। कार्यक्रम का उद्देश्य कुपोषण मुक्त समाज का निर्माण करना तथा जिले में कुपोषण की दर को कम करना है। जिसके लिए स्वास्थ्य विभाग और महिला एवं बाल विकास विभाग को विभिन्न स्तरों पर समन्वित तरीके से कार्य करने के लिए कहा। जिला अस्पताल राजनांदगांव एवं सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र डोंगरगढ़ में संचालित पोषण पुनर्वास केन्द्र में कुपोषित बच्चों को भर्ती कर निःशुल्क उपचार, प्रोटीन-विटामिन-समृद्ध आहार और आवश्यक दवाएं प्रदान की जा रही है, ताकि कुपोषित बच्चे सुपोषण की श्रेणी में आ सके। प्रक्रिया में नोडल अधिकारी द्वारा रेफर किए गये गंभीर कुपोषित बच्चों के परामर्श और भर्ती में फीडिंग डेमोंस्ट्रेटर द्वारा सहायता प्रदान करने हेतु निर्देश दिए गए है।
गौरतलब है कि एनआरसी में कार्यरत स्टॉफ नर्स और फीडिंग डेमोंस्ट्रेटर नियमित रूप से ओपीडी, आईपीडी और इन्फैंट एण्ड यंग चाइल्ड फीडिंग कांउसलिंग सेंटर पर आने वाले कुपोषित बच्चों को प्रोटोकॉल के अनुसार एनआरसी में भर्ती कराने की प्रक्रिया सुनिश्चित कर रहे हैं। पोषण पुनर्वास केन्द्र में बच्चों के खेल-कूद हेतु व्यवस्था कर बच्चों को स्वस्थ माहौल प्रदान कराया जा रहा है। आंगनबाड़ी कार्यकर्ता एवं मितानिन से समन्वय स्थापित कर गंभीर कुपोषित बच्चों की पहचान कर इलाज हेतु पोषण पुनर्वास केन्द्र जिला चिकित्सालय राजनांदगांव एवं सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र डोंगरगढ़ में भर्ती कराया जा रहा है। जिला प्रशासन के मार्गदर्शन में स्वास्थ्य विभाग, महिला एवं बाल विकास विभाग तथा एनआरएलएम के सहयोग से जिले में पोट्ठ लईका कार्यक्रम का संचालन भी किया जा रहा है। पोषण पुनर्वास केन्द्र के ओपीडी में स्कि्रनिंग से आने वाले बच्चों का डेटा संधारित किया जाएगा और इसकी नियमित समीक्षा की जायेगी। जिला अस्पताल राजनांदगांव एवं सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र डोंगरगढ़ में एनआरसी, कुपोषित बच्चों के लिए 10-बेड वाला विशेष वार्ड है। यहां गंभीर कुपोषित बच्चों को 15 दिन तक निःशुल्क उपचार, प्रोटीन-विटामिन-समृद्ध आहार और आवश्यक दवाएं दी जाती हैं। अप्रैल 2024-अक्टूबर 2025 के 1 साल में इन केन्द्र ने 484 कुपोषित बच्चों का सफल उपचार किया है।

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