खैरागढ़। इंदिरा कला संगीत विश्वविद्यालय से संबद्ध भातखंडे संगीत महाविद्यालय, बिलासपुर ने अपनी गौरवशाली 75 वर्षों की यात्रा पूरी होने के उपलक्ष्य में भव्य हीरक जयंती समारोह आयोजित किया। इस अवसर पर विश्वविद्यालय की कुलपति प्रो.(डॉ.) लवली शर्मा मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित रहीं।
स्मारिका विमोचन से हुआ शुभारंभ
कार्यक्रम की शुरुआत महाविद्यालय के 75 वर्ष पूर्ण होने पर प्रकाशित ‘स्मारिका समर्पण’ के विमोचन से हुई। यह स्मारिका महाविद्यालय की संगीत यात्राओं, उपलब्धियों और ऐतिहासिक धरोहर को समर्पित है और समारोह का मुख्य आकर्षण बनी।
संगीत की मधुर प्रस्तुतियाँ
स्मारिका विमोचन के बाद देश के विभिन्न प्रांतों से आए प्रतिभाशाली कलाकारों ने शास्त्रीय गायन और वायलिन वादन की मनमोहक प्रस्तुतियाँ दीं। संगीत की स्वरलहरियों ने महाविद्यालय परिसर को आनंदमय और उत्साहपूर्ण बना दिया।
कुलपति का संदेश
कुलपति प्रो.(डॉ.) लवली शर्मा ने कहा, “यह अत्यंत हर्ष का विषय है कि भातखंडे संगीत महाविद्यालय ने अपनी 75 वर्षों की शानदार यात्रा पूरी की। यह उपलब्धि समर्पण, अनुशासन और संगीत के प्रति निष्ठा का परिणाम है।” उन्होंने महाविद्यालय की बेहतरी के लिए निरंतर प्रयास जारी रहने और शीघ्र ही समस्याओं के समाधान हेतु आवश्यक कदम उठाने की बात कही।
उन्होंने स्कूलों में संगीत शिक्षा को अनिवार्य करने पर चर्चा करने का भी उल्लेख किया और उच्च शिक्षा मंत्री के साथ विश्वविद्यालयों और महाविद्यालयों में गुणवत्ता-आधारित शिक्षा एवं अन्य विषयों पर सार्थक विमर्श किया।
अन्य अतिथियों और विद्यार्थियों की भागीदारी
कार्यक्रम में प्राचार्य ममता चक्रवर्ती, विप्लव चक्रवर्ती, शिक्षकगण, विद्यार्थी और बड़ी संख्या में संगीत प्रेमियों ने अपनी उपस्थिति से समारोह को स्नेहपूर्ण और गरिमामयी बनाया। उपस्थित अतिथियों ने मंच से महाविद्यालय के योगदान, चुनौतियों और आगामी संभावनाओं पर अपने विचार साझा किए।
समारोह का समापन
कार्यक्रम पूरे महाविद्यालय में संगीत, समर्पण और गौरव का संदेश छोड़ते हुए सफलतापूर्वक संपन्न हुआ।

