राजनांदगांव। राजनांदगांव पुलिस ने तेजी से बढ़ रहे साइबर अपराध, खासकर डिजिटल अरेस्ट के मामलों को रोकने के लिए जिले के सभी बैंकों के लिए एडवाइजरी जारी की है। इसमें बैंक कर्मचारियों को ग्राहकों को सुरक्षा सुनिश्चित करने और संदिग्ध लेन-देन रोकने के विशेष निर्देश दिए गए हैं।
पुलिस ने कहा कि किसी भी दबाव या धमकी में किए जा रहे लेन-देन को तुरंत रोका जाए और आवश्यक होने पर नजदीकी पुलिस को सूचित किया जाए। वरिष्ठ नागरिकों और महिलाओं के मामलों में विशेष सतर्कता बरतने की आवश्यकता है। अक्सर डिजिटल अरेस्ट के शिकार लोग अपराधियों के निर्देश पर अज्ञात खातों में बड़ी रकम जमा या ट्रांसफर करने पहुंच जाते हैं। ऐसे में बैंक कर्मचारियों को लेन-देन रोकना, कारण पूछना और ग्राहक को शांतिपूर्वक जागरूक करना अनिवार्य है।
एडवाइजरी में ग्राहकों को यह भी स्पष्ट किया गया कि कोई भी सरकारी एजेंसी वीडियो कॉल के माध्यम से पैसे नहीं मांगती और पुलिस या सीबीआई कभी भी ट्रांसफर करने का निर्देश नहीं देती। यदि किसी ग्राहक को ऐसी कॉल मिलती है तो 1930 या नजदीकी थाना संपर्क करने की सलाह दी जाए।
साथ ही, बैंक परिसर में साइबर फ्रॉड से बचाव के पोस्टर और नोटिस अनिवार्य रूप से लगाने, और संदिग्ध धोखाधड़ी पर तत्काल लेन-देन रोककर साइबर सेल या थाने को सूचना देने की बात कही गई है।
पुलिस ने सभी बैंक कर्मचारियों से अपील की है कि वे इस एडवाइजरी का पालन करते हुए ग्राहकों को सुरक्षित रखें और डिजिटल अरेस्ट जैसी घटनाओं को रोकने में सक्रिय भूमिका निभाएं।

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